लबों पर शब्द आते आते रह गए,
जो कहना चाहते थे वह सिसकियों में बह गए,
अब नयी खामोशी है फैली सुकून से भरी,
ऐ ज़िंदगी, तेरे इस नए पहलू में हम रम गए।Continue reading खामोशी
तजुरबे
कुछ यादों की परतों में दबाते गये,
कुछ समय के अंधड़ उड़ाते गए,
ऐ ज़िंदगी तेरे तजुरबों को जीते,
कुछ आबाद तो कुछ बर्बाद होते गये।Continue reading तजुरबे →
तैरना
किनारे किनारे चले तो क्या मज़ा,लहरों की तरह टूट जाओगे,बीच में उतर गोते लगा तो देखो,मछली की तरह तैरने लगोगे।
होली
भंग और संग में तरंग,
जोड़े होली के रंग,
उड़ा है गुलाल का उबार,
होली खेले मिल सब यार।Continue reading होली →
खोज
दिन की रोशनी में,
रात के अँधेरों में,
खुद को ढूँढ ले लेती हूँ,
जब मैं ढूँढना चाहती हूँ।Continue reading खोज →
जिंदगी का कारवाँ
जिंदगी का कारवाँ जा रहा था,
हम भी साथ हो लिये,
यूँ ही बातें करते, साथ हँसते, रोते,
दिन गुज़र गये।Continue reading जिंदगी का कारवाँ →