चाँद ना होता, तो तारे ना होते,तारे ना होते, तो ख़्वाब ना होते,ख़्वाब ना होते, तो किस्से ना होते,किस्से ना होते, तो शिकवे ना होते,शिकवे ना होते, तो हम तुम्हारे होते।
अनजानी राहें
जो राह कहीं ना जाती हो
उस राह की अब कोई चाह नहीं।
छोटी-छोटी पगडंडियाँ
जो खो जाती हैं इधर-उधर
उन डगरों पर जाना नहीं
क्यूँ उनका कोई मुक़ाम नहींContinue reading अनजानी राहें →
मद-मस्त पत्तियाँ
हवा के झोंकों में, इठलाती हैं पत्तियाँ, पवन के स्पर्श से, सिहरती हैं पत्तियाँ, सूर्य की रोशिनी से, जीवन पाती हैं पत्तियाँ, परन्तु पवन के झिंझोड़ने से ही,| खिलखिलाती है पत्तियाँ, हवा के संगीत पर, Continue reading मद-मस्त पत्तियाँ →
होली
भंग और संग में तरंग,
जोड़े होली के रंग,
उड़ा है गुलाल का उबार,
होली खेले मिल सब यार।Continue reading होली →
खोज
दिन की रोशनी में,
रात के अँधेरों में,
खुद को ढूँढ ले लेती हूँ,
जब मैं ढूँढना चाहती हूँ।Continue reading खोज →
जिंदगी का कारवाँ
जिंदगी का कारवाँ जा रहा था,
हम भी साथ हो लिये,
यूँ ही बातें करते, साथ हँसते, रोते,
दिन गुज़र गये।Continue reading जिंदगी का कारवाँ →
हिम्मत
किनारे किनारे चले तो क्या मज़ा,लहरों की तरह टूट गिरोगे,अरे बीच में उतर गोते लगा तो देखो,मछली की तरह तैरने लगोगे।
जीने की राह
ख़ुद के चाँद बनो,उधार की रोशनी में कब तक जियोगे?जैसे शराब का नशा अपनी बोतल में है,दूसरे की में नहीं,ज़िन्दगी का नशा प्यार मुहब्बत में है,नफ़रत में नहीं।
चाँद-चाँदनी की झड़प
चाँद ने कहाआजा मेरे पासचाँदनी बोलीजा जा, जारे जामैं तो चलीतारों के पास। तू है छलियाजग का मन बसियारूप हैं तेरे कितने हज़ारकभी कंगन, कभी गढ़ाकभी टूटी मठरीतो कभी छलकता जाम,कैसे करूँ निरमोहीतुझ पे विश्वास? सूरज का तापदेता जग को आँचउसकी रोशनी सेचलता यह संसारएक तू है गुस्सैलमन में तेरे मैलअपने मोह मेंतूने छीना जलContinue reading चाँद-चाँदनी की झड़प →