चोरी चोरी चुपचाप,
चल दी चींटी खाने चाट।
चटपटी थी आलू टिक्की,
उसमें पड़ी थी मीठी चटनी,
खट्टी-मीठी चटनी चाट,
चल दी चींटी खाने चाट।
लाल सफ़ेद थी पापड़ी चाट,
उसमें पड़ी थी मटर हज़ार,
पापड़ी और मटर को छोड़,
मीठी-मीठी दही डकार,
चल दी चींटी खाने चाट।
गोल-गोल था गोलगप्पा,
उसमें भरा था पानी मीठा,
मीठे पानी के लालच में,
कूदी चींटी गोलगप्पे में,
डूब गयी बेचारी हाय राम,
चली थी चींटी खाने चाट।
Illustration by Keya Gupta, 7 years
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