बेचने आया इकतारा

सिर पर पगड़ी, चमड़े का जूता,
फटा-पुराना, भूरा-भूरा;

मिट्टी सा कुर्ता, घुटनों थी धोती,
पीठ पर थैला भरा भरा;

हाथ में बाजा, होंठों पे गाना,
बेचने आया इकतारा;

धुन को पकड़ते दौड़ते बच्चे,
लग गए पीछे हँसते हँसते।

अम्मा दे दे एक चवन्नी,
बोली मुन्नी खींचती चोटी;

अम्मा बोली यह ले मुन्नी,
एक चवन्नी, भग अब जल्दी;

ले चवन्नी पहुँची मुन्नी,
लेने अपना इकतारा;

दे इकतारा बाजावाला,
बोला मुन्नी सुनो कहानी।

फूलों की रानी थी बजाती,
यह इकतारा प्यारा-प्यारा;

राक्षस आया छीना बाजा,
रानी को तब गुस्सा आया;

फूलों की रस्सी बना के फेंकी,
फँस गया राक्षस मिला सबक;

बहादुर रानी लगी बजाने,
फिर इकतारा प्यारा-प्यारा।

सुना कहानी बाजावाला,
बोला मुन्नी बनो शेरनी;

कभी ना डरना, सामना करना,
रहना निडर, हर पल, हर दम;

ले इकतारा बाजावाला,
दूज गाँव को चल दिया प्यारा;

धुन को पकड़ते दौड़ते बच्चे,
लग गए पीछे हँसते हँसते।

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