Dear postman,
My solemn friend,
This is my last letter
In ink and pen;Continue reading RIP: Dear Postman
अनजानी राहें
जो राह कहीं ना जाती हो
उस राह की अब कोई चाह नहीं।
छोटी-छोटी पगडंडियाँ
जो खो जाती हैं इधर-उधर
उन डगरों पर जाना नहीं
क्यूँ उनका कोई मुक़ाम नहींContinue reading अनजानी राहें →