बहने दो Posted on May 17, 2022May 17, 2022 by Taru Agarwal बहने दो अश्कों कों,कमसकम दिलवाले तो हैं हम; बहने दो दरिया को,गुनगुनाने का रखती तो है दम; बहने दो हवा को,बादलों से जूझने का नहीं इसे डर; बहने दो जिंदगी को,कमसकम ठरहें तो नहीं हैं हम; और बहने दो लबों पर मुस्कान को,ज़माना नहीं जान पाएगा आपके गम। Published by Taru Agarwal View all posts by Taru Agarwal
Published by