किलकत पुलकत उछलत नटखट,
देखत ददुआ कूँके एकदम,
हाथ बढ़ाकर घूमत माँगत,
गोदी चढ़कर किलकत मनभर,
चल रे ददुआ, चल रे बचुआ,
खुली हवा में घूमत मिलकर।
किलकत पुलकत उछलत नटखट,
देखत ननवा सोचत मन-मन,
गिनती बोलत नानू हरदम,
हमको रटवा दियो हो फटफट,
पढ़ ले ननवा, पढ़ रे बचुआ,
विध्या ही से बनत चकाचक।
किलकत पुलकत उछलत नटखट,
देखत बापू लुकत है टकटक,
खिल-खिल देखो हँसत है नटखट,
गर्दन घूमत बापू सँग-सँग,
खेल ले बप्पा, खेल ले बचुआ,
दूजो ना ऐसो खेल यहाँ पर।
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