चंदा मामा नीचे आना,
आके गुड़िया को सुलाना,
गुड़िया तुमको रहती तकती,
ऊँ ऊँ कर छूने को लपकती।
चंदा मामा यह सुनकर,
चल दिये गुड़िया के घर,
उनको नीचे जाता देख,
तैर के आया बादल एक,
बोला क्या मैं साथ चलूँ,
गुड़िया से मैं भी मिल लूँ?
मामा बोले आ जाओ,
रथ में तुम भी बैठ जाओ;
दोनों थोड़ा थे आगे बढ़े,
उड़ती हवा ने रोका उन्हे,
बोली क्या मैं साथ चलूँ,
गुड़िया से मैं भी मिल लूँ?
मामा बोले आ जाओ,
रथ में तुम भी बैठ जाओ;
नीचे जब वह पहुँचे सब,
गाती आई कोयल तब,
बोली क्या मैं साथ चलूँ,
गुड़िया से मैं भी मिल लूँ?
मामा बोले आ जाओ,
रथ में तुम भी बैठ जाओ।
बादल ने बनाया पालना,
चाँद ने उढ़ाया चाँदना,
कोयल ने सुनाई लोरी,
हवा ने दी प्यार की थपकी,
गुड़िया चल दी स्वपन नगरी,
हँसती, कुनमुनाती, मचलती,
हौले, हौले, पालने में डोलते,
नींद में मामा के संग खेलते।
चंदा मामा नीचे आना,
आके गुड़िया को सुलाना,
गुड़िया तुमको रहती तकती,
ऊँ ऊँ कर छूने को लपकती।
Published by